इसके बाद मुंगेर में घर पर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर कड़ी मेहनत की जिसके बाद आज यह कामयाबी मिली है.
दिव्या मिश्रा ने बताया, "हम 3 बहने हैं और तीनों बहनों को मेरी मां नीलम मिश्रा और पिता रामगुलाम मिश्रा ने पूरा सपोर्ट किया है. हमारे साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया गया. आज हम तीनों बहनों ने एक अच्छा मुकाम पाकर माता-पिता का नाम रोशन किया है. एक बड़ी बहन सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. दूसरी बहन सेंट्रल बैंक में पीओ है." दिव्या की इस कामयाबी पर घर वालों के साथ-साथ मोहल्ले के लोगों में भी खुशी का माहौल है.दिव्या मिश्रा ने समाज के लोगों से अपनी बेटी को पढ़ाने की विनती की है. इसके साथ ही उन्होंने लड़कियों को भी पढ़ लिखकर एक मुकाम प्राप्त करने की राय दी है. दिव्या के पिता रामगुलाम मिश्रा मुंगेर सिविल कोर्ट में एडवोकेट हैं. दिव्या की कामयाबी पर पिता ने खुशी जाहिर की. उन्होंने बोला कि हमने तीनों बेटियों को सही दिशा दी जिससे मेरी बेटियों ने एक अच्छा मुकाम प्राप्त किया है.