कांग्रेस किसे बुलाए और किसे ना बुलाए, इसके लिए कांग्रेस स्वतंत्र है.
सुशील मोदी तो मूल रूप से बिहार के निवासी भी नहीं हैं और बेरोजगारी की हालत में जी रहे हैं. बीजेपी पूरी प्रकार से फ्रस्टेशन का शिकार हो चुकी है. जहां-जहां चुनाव हो रहा है वहां-वहां कांग्रेस जीत रही और बीजेपी हार रही है. बीजेपी कभी समसामयिक मुद्दे ओर नहीं बोलती, कांग्रेस ने किसको बुलाया और किसका स्वागत किया, सदाकत आश्रम में प्रोग्राम क्यों किया? इस प्रकार का बयान देते हैं.कांग्रेस नेता ने बोला कि पार्टी कुछ सिद्धान्तों पर कायम रही है और हम उसी सिद्धान्त पर आज भी कायम हैं. खुद तो महापुरुषों का सम्मान नहीं करते, उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प नहीं लेते और अगर कांगेस पार्टी कुछ करती है तो इस पर टिका टिप्पणी करते हैं. अपनी घसकती जमीन की बौखलाहट को छिपाने का प्रयत्न कर रहे हैं. बीजेपी और सुशील मोदी ने कभी अपने दफ्तर में श्रीकृष्ण सिंह की जयंती को मनाई है क्या? सुशील मोदी तो श्रीकृष्ण सिंह के विचारों के विरोधी रहे हैं. 9 वर्ष से केंद्र में BJP की सरकार है तो बताए कि क्या काम किया है?आगे एमएलसी ने बोला कि सुशील मोदी नीतीश कुमार के आगे पीछे कर के तो उपमुख्यमंत्री बन गए. हम उन्हीं को मंच देते हैं जिनको हम मानते हैं कि हमारे सिद्धान्तों में उनकी आस्था है. सुशील मोदी कहते हैं कि श्रीकृष्ण सिंह की जयंती मना कर के हमलोग ने अपमान किया, लेकिन अपमान तो बीजेपी वाले कर रहे हैं. लालू प्रसाद बिहार के बड़े नेता हैं, समाजिक इंसाफ और धर्म निरपेक्षता के पुरोधा हैं. बता दें कि बिहार केशरी श्रीकृष्ण सिंह के जन्मदिन को लेकर गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह के नेतृत्व में सदाकत आश्रम में एक प्रोग्राम का आयोजन किया गया था.