क्या कोई व्यापारी किसी जाति विशेष के किसान को अधिक भुगतान करता है?
जब फसल पक जाती है, तो कोई नहीं बता सकता कि यह किसके खेत में पैदा हुई है? हमारी चिंता जाति से नहीं है, हमें फसलों के रेट की चिंता है.राकेश टिकैत ने बोला कि बिहार से हजारों टन धान बाहर भेजा जाता है, उसे कौन लोग खरीद रहा है? वह कहां बेचा जाता है? यहां पर किसी को एमएसपी नहीं मिलती है. बिहार के किसानों की धान 800 से बाहर 1200 रुपये में खरीदा जाता है. राकेश टिकैत ने बोला कि एमएसपी एसपी गारंटी कानून देश में बनना चाहिए. अभी 5000 करोड़ रुपये का पूरे देश में मक्का के किसानों का हानि हो रहा है. बिहार के किसान दिल्ली में मुंबई में जाकर लेबर का कार्य करते हैं. बिहार के लोगों को संघर्ष करना पड़ेगा और एक आंदोलन बिहार के किसानों को अवश्य करना होगा. चौथे कृषि रोड मैप के बारे में राकेश टिकैत ने बोला कि किस मद में कितना पैसा लगा है? किसानों के लिए यह सरकार को बतानी होगी. किसान नेता ने बोला कि बिहटा में 16 वर्ष से किसान धरना दे रहे हैं. उद्योग लगाने के नाम पर उनकी जमीन अधिग्रहण की गई. आज तक वहां कुछ नहीं लगा है. सरकार को उचित मुआवजा देना होगा उसके लिए किसान जहां-जहां आंदोलन करेंगे हम वहां अवश्य जाएंगे. वहीं, आगे राकेश टिकैत बोला कि आज पटना आया हूं अगर मौका मिला तो लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेंगे. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी फिर वापस आएंगे? इस प्रश्न पर उन्होंने बोला कि बेईमानी होगी तो फिर आएंगे. ऐसे वापस फिर प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे. मीडिया पर उन्होंने बोला कि दिल्ली की अपेक्षा यहां मीडिया को आजादी ज्यादा है.