रोहित कुमार सोनू
बिहार में निकाय चुनाव पर एक बार फिर खतरा मंडराने लगा है. ये शब्द आप पिछले साल बहुत सुनें होंगे लेकिन आज ही के दिन हाई कोर्ट ने हाई कोर्ट ने 86 पन्नों के अपने फैसले में कहा था कि नगर पालिका के चुनाव में ओबीसी को गलत तरीके से आरक्षण दिया गया. आरक्षण देने के पहले सुप्रीम कोर्ट के 2010 में दिए गए फैसले की अनदेखी की गई जबकि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने की बात कही थी.पटना हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अति पिछड़ा वर्ग यानी ईबीसी के लिए बीस फीसदी सीटों को जनरल कर फिर से अधिसूचना जारी की जाए. आरक्षण नियमों की अनदेखी के आरोपों के बीच पिछले साल दिसम्बर में दो चरणों में नगर निकायों का चुनाव सम्पन्न हो गया। चुनाव के परिणाम भी तुरंत घोषित हो गए और चुने गये जनप्रतिनिधियों ने शपथ भी ले ली।
लेकिन, आरक्षण नियमों की अनदेखी का आरोप लगाकर कोर्ट में दायर किया गया मामला अब भी जिंदा है।