गिरिराज सिंह ने बोला कि नीतीश को चुनौती देता हूं कि क्या उनमें मुस्लिम पर्व की छुट्टियों को रद्द करने का दम है? क्या मुसलमान शिक्षकों को फरमान जारी कर सकते हैं कि अपने पर्व के दौरान आवासीय ट्रेनिंग करें? सीएम नीतीश कुमार में इसकी हिम्मत नहीं हैं.बेगूसराय के सांसद ने बोला कि जातीय गणना के माध्यम भी नीतीश ने हिंदुओं को बांटने की कोशिश की. दूसरी ओर जातीय गणना के आंकड़ों में मुसलमानों को इकट्ठे 18 फीसदी दिखाया गया. हिन्दू एकत्व को खंडित करने की कोशिश हो रही है.
आगे केंद्रीय मंत्री ने बोला कि दुर्गा पूजा की छुट्टियों में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की आवासीय ट्रेनिंग के निर्णय को बिहार सरकार तुरंत वापस ले.
उन्होंने बोला कि नीतीश कुमार जिसकी कोई विश्वसनीयता नहीं बची.
उनकी पार्टी पीएम मोदी की जाति का सर्टिफिकेट देने वाले कौन होती है? पीएम मोदी की जाति पर प्रश्न उठाकर नीतीश की पार्टी ने तेली समाज का अपमान किया है. तेली समाज माफ नहीं करेगा. पीएम मोदी तो कभी जाति देखकर कार्य ही नहीं करते हैं. घर-घर शौचालय, घर-घर बिजली, घर-घर सिलेंडर, मुफ्त अनाज सभी धर्मों के लोगों को दिया. पीएम मोदी तो गरीबों के मसीहा हैं.
बता दें कि पिछले दिनों जेडीयू ने पीएम मोदी की जाति पर प्रश्न उठाया है. जेडीयू का बोलना है कि प्रधानमंत्री जिस जाति में पैदा हुए हैं उस जाति का नाम मोढ़ घांची है जो सवर्ण जाति है. यह लोग आर्थिक और शैक्षणिक रूप से बहुत मजबूत हैं फिर साल 2002 में नरेंद्र मोदी ने मोढ़ घांची समुदाय को किस आधार पर ओबीसी में सम्मिलित किया था? केंद्र सरकार इसी डर से जातीय आधारित गणना कराने में अनिच्छुक है कि पीएम मोदी की ओबीसी स्थिति के बारे में झूठ उजागर हो जाएगा.