जो आदमी गाली-गलौज करे, बदमाशी करे लूट-मार करे, गोली-बंदूक की बात करे उसी को बिहार में मजबूत नेता लोग मानते हैं.
प्रशांत किशोर सीतामढ़ी के सोनबरसा के भूताही में मीडिया से बात कर रहे थे.पत्रकारों से वार्तालाप के क्रम में प्रशांत किशोर ने बोला कि नेताओं के कहे गए ऐसे फिजूल शब्दों पर मेरा कोई यकीन नहीं है, न ही मैं ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करता हूं न ही कोई दूसरा करता है तो मैं रिएक्ट करता हूं. मैं पदयात्रा किसी नेता पर तीखा टिप्पणी करने किसी नेता की शिकायत करने के लिए पदयात्रा नहीं कर रहा हूं. मुझे समाज के साथ कार्य करना है.प्रशांत किशोर ने बोला कि कई लोगों को लग सकता है कि इसका कोई असर नहीं पड़ेगा मगर आप इतना मान कर चलिए कि बिहार में जितने लोगों को आप नेता मानते हैं या जो लोग भी सियासत करते हैं उससे कम राजनीति की समझ मुझे भी नहीं है. थोड़ी बहुत सियासत की समझ मुझे भी है. बिहार में जो सबसे बड़ा नेता होगा उनके नेताओं के नेता को हमने राय दी है तो ऐसा नहीं है कि बिहार की सियासत और समाज की समझ मुझे नहीं है.