बाबा साहब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय (BRABU) में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है. उच्च शिक्षा निदेशक के आदेश पर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी, रजिस्ट्रार प्रो. संजय कुमार, वित्त अधिकारी विनोद राय और वित्तीय सलाहकार जेपी शर्मा पर गुरुवार (5 अक्टूबर) को विश्वविद्यालय थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई. वहीं, कर्मचारी संघ, शिक्षक संघ और अन्य लोग विश्वविद्यालय के इन चारों पदाधिकारी के समर्थन में कूद पड़े हैं.दरअसल, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय में बिना टेंडर के 38 लाख रुपये की स्टेशनरी खरीदने, बिना क्रय समिति के प्रिंटिंग के लिए 58.62 लाख का भुगतान करने, सुरक्षा एजेंसी के भुगतान की फाइल उपलब्ध नहीं कराने, टेबुलेशन डायरेक्टर को अग्रिम राशि का समायोजन नहीं करने, बिना निबंधित फर्म से खरीदारी करने और नियुक्त कर्मियों की फाइल नहीं देने जैसे वित्तीय अनियमितता हुई है. विभाग ने वित्तीय अनियमितता और राज्य सरकार के पैसे का नियम के खिलाफ खर्च के इल्जाम में मामला दर्ज कराने को बोला था, जिसको लेकर शिक्षा विभाग ने बीते दिनों ऑडिट टीम भेजकर विश्वविद्यालय का ऑडिट कराया था.
इसमें के कई गड़बड़ियां सामने आई थीं.
आरडीडीई ने बताया कि विभाग के आदेश पर एफआईआर कराई गई है. इस पूरे मामले को लेकर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी का बोलना है कि एक साजिश के तहत यह एफआईआर दर्ज कराई गई है. वह इस मामले में जमानत याचिका दाखिल नहीं करेंगे. वहीं, विश्वविद्यालय के कर्मचारी संघ और शिक्षक संघ का बोलना है कि विश्वविद्यालय की मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ किया गया है. विभाग माफी मांगे और एफआईआर वापस ले. तभी वह कार्य पर लौटेंगे और फिलहाल विश्वविद्यालय के सभी परीक्षाओं को अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दिया गया है. साथ ही गेस्ट टीचरों के इंटरव्यू को भी अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दी गई. वहीं, इस मामले में नगर एएसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद मामला दर्ज करवाया गया है. आगे नियम के अनुकूल कार्रवाई की जाएगी.