नियुक्ति घोटाला हो या ट्रांसफर-पोस्टिंग घोटाला ईडी की एंट्री होनी चाहिए.
मोदी सरकार में कोई भ्रष्टाचारी नहीं बचने वाला."पूर्व मुख्यमंत्री और हम नेता जीतन राम मांझी पहले भी इस मुद्दे पर नीतीश सरकार पर आक्रमण कर चुके हैं. बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति को लेकर गंभीर इल्जाम लगा चुके हैं. जीतन राम मांझी ने मंगलवार (24 अक्टूबर) को एक्स पर लिखा था, "बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति मामले की उच्चस्तरीय जांच की जरुरत है. आरक्षण की अनदेखी कर यह नियुक्ति रेलवे के लैंड फॉर जॉब के तर्ज पर मनी फॉर जॉब स्कीम के तहत की गई है. पैसा दो सरकारी नौकरी लो घोटाले की उच्च स्तरीय जांच-पड़ताल होनी चाहिए. बिहार सरकार ने युवाओं का बेड़ा गर्क कर दिया है."दरअसल, बिहार में शिक्षकों की बहाली के लिए सरकार ने लगभग 1 लाख 70 हजार 461 पदों पर भर्ती निकाली थी. परिणाम के बाद सिर्फ 1.22 लाख पद ही भरे जा सके हैं. 2 नवंबर को सीएम नीतीश गांधी मैदान में नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे.