देश की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी.
चुनाव आते ही पूरी तरीके इंडिया गठंबधन समाप्त हो जाएगा. विपक्ष के लोग सब अकेले मिलकर चुनाव लड़ेंगे.दरअसल, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच मनमुटाव बढ़ती ही जा रही है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव के गुस्से के पीछे का कारण क्या है? कांग्रेस ने एमपी चुनाव के लिए 230 में से 229 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम का घोषणा कर दिया है. कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट में उस सीट से उम्मीदवार का नाम भी है जहां से 2018 में समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार को जीत मिली थी. जवाब में समाजवादी पार्टी ने भी 22 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है.एमपी चुनाव 2023 के लिए सपा की तरफ से उम्मीदवार घोषित किए जाने को लेकर कांग्रेस अप्रसन्न हो गई है. कांग्रेस का बोलना है कि इतनी सीटों पर सपा के लड़ने से बीजेपी को बेनिफिट होगा. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने बोल दिया कि एमपी का मतदाता हाथ का पंजा जानता है, साइकिल नहीं. बीजेपी को हराने के लिए सपा को कांग्रेस का समर्थन करना चाहिए.बता दें सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बोला है कि अगर हमें पता होता कि विधानसभा स्तर पर गठबंधन नहीं है तो हम न तो मीटिंग में जाते और ना ही कांग्रेस नेताओं के फोन उठाते. बता दे कि अखिलेश ने यूपी कांग्रेस अध्यक्ष को नाम लिए बिना चिरकूट नेता बता डाला.