हमारी संख्या 14.2666 प्रतिशत है फिर भी हमारी आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति ठीक नहीं है.
पप्पू यादव ने जाति आधारित सर्वे के आंकड़े जारी होने पर उसका स्वागत किया है. बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट सोमवार (02 अक्टूबर) को गांधी जयंती के दिन जारी की गई. जातीय गणना के आंकड़ों के अनुकूल बिहार में कुल जनसंख्या का 63 प्रतिशत हिस्सा ओबीसी और ईबीसी हैं. आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक ज्यादा है, जिसमें से अत्यंत पिछड़ा वर्ग (36 प्रतिशत) सबसे बड़ा सामाजिक वर्ग है. इसके बाद अन्य पिछड़ा वर्ग 27.13 प्रतिशत है. सर्वेक्षण में यह भी बोला गया है यादव, ओबीसी समूह जिससे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आते हैं, जनसंख्या के मामले में सबसे बड़े हैं. यादव कुल आबादी का 14.27 प्रतिशत है.बिहार की जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद कई नेताओं ने बयान देना प्रारंभ कर दिया है. विरोधी दल बीजेपी ने बोला कि यह रिपोर्ट आधी-अधूरी है. हड़बड़ी में रिपोर्ट आई है जिसका सीधा उद्देश्य चुनाव से है. जेडीयू और आरजेडी चुनाव के बहाने वोट लेने का प्रयास करेंगे. इनका जातीय गणना की रिपोर्ट से कोई लेना देना नहीं है. इसमें आर्थिक सर्वे का चर्चा ही नहीं है.