इससे नीतीश कुमार की मेमोरी लॉस हो गई है.
बीजेपी विधायक नीरज कुमार बबलू ने बोला कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गांधी से तुलना करते हैं तो पहले वो बेहतर मुख्यमंत्री हो जाएं तब बाद में गांधी बन जाएं. 2005 से 2010 के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेहतर कार्य किया. पूरे राज्य में नहीं पूरे देश में नाम हुआ. सीएम नतीश कुमार जैसे ही 2010 के बाद वो महागठबंधन में गए उस वक्त से उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ी है. अभी तक वो ठीक नहीं हो पा रहे हैं.नीरज कुमार बबलू ने बोला, "विकास का कार्य होना चाहिए वो चौपट हो गया है. सिर्फ षड्यंत्र करने में लगे हुए हैं. जाति को तोड़ने में लगे हैं. पार्टी को तोड़ने में लगे हैं. अब उनको प्रधानमंत्री से नफरत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलते हैं कि नीतीश बाबू बहुत अच्छे हैं, लेकिन इनको कीड़ा काट लिया है. प्रधानमंत्री बनने के लिए मोदी की टांग खींचने में लगे हुए हैं."आगे बीजेपी नेता ने बोला कि किसी दूसरे की टांग खींचना गांधी का कार्य नहीं था. गांधी देश को आगे बढ़ाने में लगे हुए थे. कोई कुर्सी की लालच नहीं थी. सीएम नीतीश कुमार को सबसे बड़ी लालच कुर्सी की है. कुर्सी कुमार और गांधी में धरती-आसमान का फर्क है. दोनों में 36 का आंकड़ा है. गांधी तो कभी हो ही नहीं सकते. एक बेहतर मुख्यमंत्री हो जाएं. यही बिहार के लिए बेहतर बात होगी.