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JDU के बागी नेता ललन पासवान BJP में हुए सम्मिलित, सम्राट चौधरी कहे-'निरंतर बीजेपी हो रही है मजबूत'


संवाद 


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड में निरंतर बड़े नेता पार्टी छोड़ रहे हैं और बीजेपी में सम्मिलित हो रहे हैं. बीते शुक्रवार (20 अक्टूबर) को जेडीयू के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे और चेनारी विधानसभा के पूर्व विधायक ललन पासवान ने बीजेपी का दामन थाम लिया. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने ललन पासवान को सदस्यता दिलाई. इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व मंत्री मंगल पांडे, नंद किशोरी यादव, रामकृपाल यादव सहित कई वरिष्ठ बीजेपी नेता उपस्थित थे. ललन पासवान के बीजेपी में आने से प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बोला कि बीजेपी निरंतर मजबूत हो रही है. दरअसल, कुछ दिनों पहले नीतीश कुमार के बहुत करीबी और पूर्व एमएलसी और जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता रहे रणवीर नंदन ने जेडीयू से त्यागपत्र देकर 11 अक्टूबर को बीजेपी का सदस्य ग्रहण कर लिया था. अब ललन पासवान बीजेपी के सदस्य हो गए हैं. ललन पासवान के बीजेपी में आने से जेडीयू ने ट्वीट कर एक शायरी लिखा है 'टूट जाएगा तीर, फूट जाएगा लालटेन' बिहार में खिलेगा फिर से कमल निशान'.जेडीयू से हटते ही दलितों पर अत्याचार का इल्जाम लगाया है. ललन पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी नेताओं में से एक रहे थे, लेकिन 12 अक्टूबर को वे जेडीयू के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद से त्यागपत्र दे दिए थे. त्यागपत्र देने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू पर तानाशाही का गंभीर इल्जाम लगाए थे. उन्होंने बोला था कि जिस दल में पूरी तरह तानाशाही हो, बात रखने पर राजनीतिक जुबान काट ली जाए, दलितों के अधिकार की आवाज उठाने पर उसका सर कलम कर दिया जाए, दरकिनार कर दिया जाए, उसे पावर से हटा दिया जाए, ऐसे दल में रहने का क्या मतलब है.उस दिन ललन पासवान ने नीतीश सरकार में दलितों पर अत्याचार का इल्जाम लगाते हुए बोला था कि 7 वर्ष से प्रमोशन में आरक्षण बंद है. 

सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिबंध नहीं लगाया है कि राज्य सरकार आरक्षण नहीं दे सकती है.

 आज 4 लाख लोगों को प्रमोशन मिला है, लेकिन अनुसूचित जाति, जनजाति का गला घोंट दिया गया है. बिहार में दलितों पर निरंतर अत्याचार हो रहा है.ललन पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के साथ मिलने पर बोला था कि नीतीश कुमार ने जिस सत्ता को उखाड़ कर सरकार बनाई थी, आज वह उसी सत्ता के साथ गलबहियां कर रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के लिए लालू यादव को सत्ता सौंप दी और उनके चरणों में नतमस्तक हो गए. आज अगर वह (नीतीश कुमार) मुख्यमंत्री नहीं बनते और संघर्ष करते तो बिहार की जागीर और जमीर दोनों बची रहती.कुछ महीना पूर्व आरएलजेडी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भविष्यवाणी किया था कि जल्द ही जेडीयू टूट जाएगा. जेडीयू कई बड़े नेता जल्द ही पार्टी को छोड़ देंगे. हालांकि एक साथ नहीं लेकिन टुकड़ों-टुकड़ों में जेडीयू में यह हालत देखने को मिल रहे हैं. 
ललन पासवान के बीजेपी में आने से प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बोला कि बीजेपी मजबूत हो रही है. उन्होंने बोला कि बिहार में कर्पूरी ठाकुर को भी दो बार मुख्यमंत्री बनाने का कार्य जनसंघ और बीजेपी ने किया था. लालू प्रसाद भी पहली बार बीजेपी की सहायता से ही मुख्यमंत्री बने थे. नीतीश कुमार की तो बात ही मत कीजिए. उन्होंने बोला कि सुशील मोदी ने आंदोलन किया और फायदा नीतीश कुमार को मिला. इनका कोई योगदान आंदोलन में नहीं है. एक भी फोटो उनके आंदोलन का नहीं है. नीतीश कुमार को हेलीकॉप्टर से दिल्ली से भेजा गया और वह सीएम बने. उन्होंने बोला है कि 1995 में भी नीतीश कुमार की समता पार्टी ने 6 सीट जीत हासिल की और बीजेपी 41 सीट यानी उनसे तीन गुना सीट जीत हासिल की थी. तब बीजेपी ने अपने कंधे पर बैठाकर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया. अब नीतीश कुमार की क्या स्थिति है सभी जानते है.

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