उसके हिसाब से कोई आज की तारीख में विश्वास करने वाला नहीं है.
इसलिए उनका ये हाल है कि कोई गठबंधन उन पर यकीन नहीं करता और रखने के लिए कोई तैयार नहीं है. अब कोई उनको रखने वाला नहीं है."बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों ने I.N.D.I.A गठबंधन बनाया है. नीतीश कुमार निरंतर शुरू से ही विपक्षी नेताओं को एकजुट करने में लगे थे. विपक्षी एकत्व की पहली बैठक पटना में हुई थी. अब जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी ने मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा की है उसके बाद से विपक्षी पार्टी के नेताओं का ताना कसने का सिलसिला जारी हो गया है.इसके पहले बुधवार को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्सभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बोला था कि विपक्षी एकत्व का अगुआ बनने का दावा करने वाले नीतीश कुमार ने केजरीवाल और अखिलेश यादव को मनाने के बजाय खुद उनकी राह थाम ली. मध्य प्रदेश में जेडीयू की जमानत जब्त होगी.