केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बोला कि हमें अलसंख्यकों की फिक्र है.
उन्हें बहुसंख्यकों के बराबर मानना चाहिए. हर मुसलमान को समान हख देना चाहते हैं. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को घेरा और बोला कि वो तो बोलते थे कि राष्ट्रीय संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का ही है.बता दें कि इससे पहले भी गिरिराज सिंह अल्पसंख्यक की सुविधाएं की वकालत कर चुके हैं. यह कोई पहली बार नहीं है. उन्होंने बोला है कि संविधान में अलपसंख्य शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है. देश में मुस्लिमों की संख्या जब 4-5 फीसद थी तब उन्हें अल्पसंख्यक माना गया, जबकि उनकी आबादी बढ़कर अब करीब 20 करोड़ हो गई है. ऐसे में इतनी बड़ी जनसंख्या को कैसे अल्पसंख्यक मानेंगे इसीलिए अल्पसंख्यक की परिभाषा को बदलने की आवश्यकता है.बिहार में 2 अक्टूबर को जातीय गणना की रिपोर्ट जारी हुई थी जिसके बाद बीजेपी नेता गुस्सा गए थे. केंद्रीय मंत्री ने नीतीश सरकार से उनके कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड मांग लिया था जिसको लेकर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने इसे एतिहासिक बताते प्रशंसा की थी. बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट में राज्य में पिछड़ा वर्ग 27.13 फीसद, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 फीसद और सामान्य वर्ग 15.52 फीसद हैं.