घर बनाने के लिए 1.30 लाख रुपये दिए जाएंगे.
जाति आधारित गणना के आर्थिक आंकड़ों के पेश होने के बाद विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने बोला कि बिहार में 2 करोड़ 76 लाख परिवार हैं जिसमें 59.19 प्रतिशत लोगों के पास पक्का मकान है. 39 लाख परिवार झोपड़ी में हैं. कुल 9 राजनीतिक दलों के परामर्श से यह सर्वे कराने का फैसला लिया गया था जिसे अब विधानसभा में पेश कर दिया गया है.सीएम ने बोला कि रिपोर्ट के जरिए बिहार की आर्थिक सामाजिक स्थिति से अवगत करा दिया गया है. उन्होंने बोला कि ज्ञानी जैल सिंह ने 1990 में जातीय गणना पर मुझसे बात की थी. ज्ञानी जैल सिंह के आग्रह पर हमने जातीय गणना कराने के बारे में सोचा था. हमने पीएम वीपी सिंह से भी विनती किया था कि देश में जाति आधारित जनगणना कराई जाए. हम पीएम मोदी से भी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर मिलने गए थे. जातीय गणना कराने की मांग की थी. केंद्र के मना करने के बाद बिहार सरकार खुद से अपने खर्च पर जातीय गणना कराई.नीतीश कुमार ने बोला कि देश में पहली बार किसी राज्य में यह हुआ है. विपक्ष बोल रहा कि इस जाति की आबादी घट गई है और उस जाति की आबादी बढ़ गई. ये बोगस बात है. बिहार में महिलाओं की साक्षरता बढ़ी है. उन्होंने बोला कि लड़की पढ़ी-लिखी रहेगी तो जनसंख्या में नियंत्रण होगा.