14वीं फाइनेंस कमीशन के चेयरमैन भी थे.
क्यों नहीं एनके सिंह ने कमीशन के फैसले को बदला? वह चाहते तो जो उस समय हो गया था कि विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है. वह उसको वह बदल सकते थे. उन्होंने क्यों नहीं बदला. नीतीश कुमार जी हाथी के दांत हैं. खाने के कुछ और हैं और दिखाने के कुछ और हैं.संजय जायसवाल ने बोला, 'एनके सिंह की हिम्मत नहीं थी कि नीतीश कुमार अगर चाहते तो उनकी बात को वह टाल देते, क्योंकि नीतीश कुमार की पैरवी से ही वह 14वीं फाइनेंस कमीशन के चेयरमैन बने थे. उसके बाद भी एनके सिंह ने उस फैसले को नहीं बदला तो यह साफ है कि नीतीश कुमार का यह शिगूफा है. जमीन पर कुछ नहीं है.'वहीं बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाने के नीतीश सरकार के निर्णय को संजय जायसवाल सही बताया. जायसवाल ने बोला, 'यह बहुत अच्छा निर्णय है. हम इसका पूरी तरह समर्थन करते हैं. संविधान में पहले से 50% का आरक्षण है. सरकार ने जो किया है तो हम उसका समर्थन करते हैं.'