नगर निकाय का चुनाव रुकवाने के लिए भी बीजेपी कोर्ट गई थी,
लेकिन नगर निकाय का चुनाव हुआ. आरक्षण व्यवस्था के साथ हुआ. बिहार सरकार जातीय गणना करा रही थी तो उसको भी रुकवाने के लिए बीजेपी पटना हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गई.
बता दें बिहार सरकार द्वारा आरक्षण का दायरा बढ़ाने के निर्णय को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. पटना सिविल सोसाइटी की तरफ से याचिका दायर की गई है. इस याचिका की एक कॉपी बिहार के महाधिवक्ता पीके शाही के ऑफिस को भी भेजी गई है. याचिकाकर्ता ने इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है. याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि ये मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. वहीं, विधानसभा के शीतकालिन की जिक्र के क्रम में सीएम नीतीश ने आरक्षण के मौजूदा दायरा को बढ़ाने का घोषणा कर दिया था. इसके बाद बिहार सरकार ने सरकारी नौकरी और स्कूल संस्थानों में पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित और महादलित को मिलने वाले आरक्षण को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी कर दिया.