उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को 17 दिनों के संघर्ष के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. सुरंग में फंसे मजदूर अलग-अलग क्षेत्रों के रहने वाले थे. उन्हीं में से एक मजदूर का नाम सोनू था, जो कि बिहार के छपरा जिले का रहने वाला था. सोनू की मां ने मीडिया से बातचीत करते हुए सरकार और बचाव कार्य में जुटे सुरक्षाकर्मियों को तहे दिल से शुक्रिया बोला है. साथ ही साथ उन्होंने बताया है कि उनका बेटा 2 दिन बाद गांव वापस लौट आएगा. सोनू की मां ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए सबसे पहले तो सरकार का धन्यवाद करते हुए बोला, "सरकार को धन्यवाद मेरे बेटे को मेरी गोद में डाल दिया." सुरंग से बाहर निकले मजदूर सोनू की मां ने आगे उन लोगों को भी धन्यवाद दिया जो निरंतर 17 दिनों से सोनू समेत बाकी के मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की जद्दोजेहद कर रहे थे. उनसे सोनू की मां ने बोला, "जिन लोगों ने निकाला उनको लाख लाख शुक्रिया और तहे दिल से शुक्रिया वो भी मेरे बच्चे समान हैं, जिन्होंने मेरे बच्चे को बाहर निकाला."इसी बातचीत के बाद उन्होंने आगे बताया कि सुरंग से निकलने के बाद उनके बेटे सोनू की फोन पर उनसे बात हुई थी.
इस बातचीत में सोनू ने बताया कि आखिर वो कब तक घर पहुंच जाएगा.
सोनू की मां ने बताया, "वो कह रहे थे कि मम्मी में सुरक्षित हूं, मैं अच्छा हूं फिक्र मत करो मैं आ जाऊंगा. 2 दिन के बाद गांव आ जाऊंगा." बिहार के छपरा जिले में सोनू की मां अपने बेटे के सुरक्षित बाहर निकलने से काफी ज्यादा खुश हैं, हालांकि अभी उन्हें अपने बेटे से मिलने के लिए शुक्रवार तक का इंतजार और करना होगा.
मालूम हो कि सुरंग से निकाले जाने के बाद सभी मजदूरों को चिन्यालीसौड़ में बनाए गए अस्पताल ले जाया गया. यहां पर मजदूर 48 घंटों तक डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगे. इसी के बाद उन्हें उनके परिवार वालों से मिलने भेजा जाएगा. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अस्पताल में मजदूरों का उपचार और उनके घर जाने की पूरी इंतजाम सुनिश्चित की जाए. अस्पताल में उपचार का खर्चा भी उत्तराखंड सरकार उठाएगी. साथ ही साथ उनके रहने खाने की बंदोबस्त का खर्च भी सरकार के ही जिम्मे होगा और उन्हें घर पहुंचाने का भी.