इस तरह की हरकत नीतीश कुमार कर रहे हैं.
इस देश, राज्य के लिए यह सही नहीं है. इनकी हाथो में राज्य की सत्ता सुरक्षित नहीं है. यह लड़ाई सिर्फ जीतन राम मांझी की नहीं बल्कि पूरे गरीबों और दलितों की लड़ाई है. ऐसे लोगों को सत्ता के शीर्ष से हटा देना चाहिए. बिहार की भलाई के लिए, देश में जो बदनामी हो रही है. डिप्रेशन में रहने पर आगे कोई व्यक्ति का संतुलन बिगड़ जाए तो वैसे व्यक्ति को सत्ता पर रहने का हक नहीं है. हर व्यक्ति जो चाहता है वह नहीं मिलता है. हम भी कुछ राजनीति में चाहते हैं और नहीं मिला तो इसका यह मतलब नहीं कि हम दूसरे तरह का व्यवहार करने लगे. अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए. सही वक्त का इंतजार करना चाहिए. 'हम' प्रमुख ने बोला कि किसी को गाली देकर आप सत्ता में नहीं आ सकते हैं, जो आपका समय था वह बीत चुका है. 18 वर्ष से राज्य के मुख्यमंत्री हैं. जनता ने बहुत आशीर्वाद दिया. पलटू राम के नाम से जाने जाते हैं कभी उधर कभी इधर जाकर सीएम बनते हैं और सीएम बने रहने की इच्छा रखते हैं और बोलते है जबरदस्ती बना दिया गया है. जबरदस्ती बना दिया तो आप सही है और नीतीश कुमार के बुरे समय में जब जीतन राम मांझी को सीएम बना दिए तो अब बोल रहे है की हमने गलती कर दी तो बीजेपी भी बोल सकती है कि हमने नीतीश कुमार को सीएम बनाकर गलती कर दी. संविधान में है कि अगर कोई व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ जाए तो बर्खास्त कर देना चाहिए, हटा देना चाहिए तो इसलिए राज्यपाल से मांग करते हैं कि एक उनका मेडिकल बुलेटिन देखना चाहिए और वाकई में उनको कोई समस्या है तो राज्य हित में उनके उपर कार्रवाई कर हटाया जाए ताकि राज्य और देश सुरक्षित रहे.'हम' नेता ने बोला कि नीतीश कुमार को देख कर लग रहा है कि उनके ऊपर कुछ परेशानी है. बिगड़े स्वास्थ्य के वजह से हो सकता है कि वह प्रेशर को झेल नहीं पा रहा हैं तो इस परेशानी को देखते हुए किसी दूसरे को सीएम बनाना चाहिए. वह अगर बीमार हैं तो पूरा राज्य बीमार हो सकता है. राज्य और देश के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं.