नहाए खाय के दिन से ही छठ व्रती शुद्धता का पूरा ख्याल रखते हैं.
प्रसाद बनाने की बात हो या फिर पूजा से जुड़े किसी भी काम की, साफ-सफाई और शुद्धता में कमी नहीं रखी जाती है. नियम का पूरा पालन किया जाता है. जहां मुमकिन है वहां छठ व्रती या उनके अन्य परिवार के सदस्य गंगा स्नान करके प्रसाद बनाना प्रारंभ करते हैं. गंगा जल घर लाकर प्रसाद में भी उसे मिलाते है.नहाय खाय के दिन पटना के गंगा घाटों पर सुबह से ही छठ व्रतियों की भीड़ देखी जा रही है. छठ व्रती सीमा देवी ने बोला कि आज पहला दिन नहाय खाय है. सूर्य देव की आराधना और मां गंगा की पूजा की जाती है. इसके बाद हमलोग नहाय खाय का प्रसाद बनाते हैं.बता दें कि आज नहाय खाय के बाद कल शनिवार को खरना होगा. इसमें छठ व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखकर शाम में गुड़ से बनी खीर और रोटी से खरना करेंगे. इसके बाद 36 घंटा निर्जला उपवास रखकर रविवार की शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. और 20 नवंबर सोमवार की सुबह उदयगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.