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छठ व्रतियों के लिए सूचना, पटना में इन दस घाटों पर जाने से बचें, चार खतरनाक तो छह स्थान पर पानी नहीं


संवाद 


चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत 17 नवंबर को नहाय खाय से हो रही है. 18 नवंबर को खरना, 19 को शाम में अस्ताचलगामी और 20 नवंबर की सुबह उदयगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसको लेकर जिला प्रशासन पिछले 15 दिनों से निरंतर तैयारी कर रहा है. अब यह तैयारी करीब पूरी हो चुकी है. पटना जिला प्रशासन का दावा है कि 17 नवंबर तक सभी घाट पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त हो जाएंगे. पटना में कुल 108 घाट हैं जिनमें से दस स्थानों पर छठ व्रतियों के जाने पर जिला प्रशासन ने पाबंदी लगा दी है.डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि 4 घाट खतरनाक घोषित किए गए हैं. इनमें मीनार घाट, एलसीटी घाट, राजापुर पुल घाट और पहलवान घाट सम्मिलित है. मीनार घाट पर गहराई अधिक है तो एलसीटी घाट और राजापुर पुल घाट पर स्लोप खड़ा है. कटाव ज्यादा है एवं मिट्टी गिर रही है. हालांकि पहलवान घाट अब कुछ ठीक की स्थिति में है. 

दो दिनों बाद यहां की स्थिति अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा स्पष्ट की जाएगी.

बताया गया कि 6 घाटों पर पानी नहीं होने के वजह से छठ व्रतियों को वहां जाने से रोका गया है. इन 6 घाटों में मिश्री घाट, टीएन बनर्जी घाट, अंटा घाट, अदालत घाट, कृष्णा घाट और पत्थर की मस्जिद घाट जो पक्का घाट है यहां अच्छी सीढ़ी बनी हुई है लेकिन गंगा का पानी इन स्थानों से दूर हो चुका है.पटना जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि इस बार खतरनाक घाटों के अलावा बाकी अन्य घाटों पर छठ करने की बंदोबस्त बहुत अच्छी है. इस बार गंगा नदी काफी नीचे गई है और छठ करने के लिए घाट पर जगह ज्यादा मिलेगी. इस वजह से कुछ घाटों पर पार्किंग की व्यवस्था घाट के किनारे ही की जा रही है. एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि इस बार सभी घाटों पर छठ करने के लिए जगह काफी ज्यादा है ऐसे में भीड़ ज्यादा होने का अनुमान है. इसको लेकर पटना में सभी घाटों एवं घाटों पर जाने वाले रास्तों के लिए 5000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी.

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