बिहार में लागू 75 प्रतिशत आरक्षण को नौवीं अनुसूची में सम्मिलित करने के लिए अब राज्य सरकार ने अलग-अलग तरीके से केंद्र पर दबाव बनाना प्रारंभ कर दिया है. बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने गुरुवार (23 नवंबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने केंद्र से विनती की है कि सरकार बिहार में लागू 75 प्रतिशत आरक्षण को नौवीं अनुसूची में सम्मिलित किया जाए.तेजस्वी यादव ने बोला कि जातीय गणना के जब आंकड़े सामने आ गए हैं और सभी जातियों में गरीबी है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फैसला लिया कि आरक्षण की सीमा बढ़ाई जाए. तो सभी जातियों का आरक्षण बढ़ाया गया. सबने समर्थन भी किया. आगे कोई पेंच नहीं फंसे इसके लिए हमलोगों ने भारत सरकार से विनती की है कि इसे नौवीं सूची में सम्मिलित करें.तेजस्वी यादव ने केंद्र पर दबाव बनाते हुए बोला कि जब आपकी (BJP) पार्टी ने भी समर्थन किया है तो फिर कोई सोचने की बात नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अविलंब बिहार के नए आरक्षण कानून को 9वीं सूची में डाल देना चाहिए.
यह भी बोला कि तमिलनाडु में 69 प्रतिशत आरक्षण पहले से है.
वहां केंद्र सरकार ने 9वीं सूची में सम्मिलित किया है. ऐसे में जब केंद्र सरकार समर्थन कर रही है तो फिर कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. तेजस्वी यादव की पीसी में वित्त मंत्री विजय चौधरी भी उपस्थित रहे. उन्होंने बोला कि 13-14 सालों से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग हो रही है. यह नई मांग नहीं है. देश में जातीय गणना कहीं नहीं हुई थी वो बिहार में हुई है. इससे विभिन्न जातियों का आंकड़ा निकलकर आया है. विभिन्न लोगों का आर्थिक आंकड़ा आया है. सभी गरीबों को इंसाफ दिलाने के लिए भारत सरकार से विनती की गई है कि बिहार के नई आरक्षण नीति को नौवीं सूची में डाला जाए. उन्होंने बोला कि बीजेपी हमेशा बोलती है कि हम आरक्षण बढ़ाने का समर्थन करते हैं तो फिर समर्थन करिए.