जहरीली शराब से हो रही मौत को नहीं रोक सकते तो शराबबंदी कानून का क्या मतलब है?
कम से कम गुजरात से तो सबक लीजिए."दरअसल, इसी महीने सीतामढ़ी में छठ के पहले 5 लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मृत्यु हुई थी. ग्रामीण शराब पीने से मृत्यु की बात बोल रहे थे. प्रशासन कुछ और बोल रहा था. इसी तरह गोपालगंज में भी 5 लोगों की मृत्यु हुई है. इस मामले में गोपालगंज जिला प्रशासन ने इस बात का खंडन किया है और बोला है कि इन सबकी मृत्यु अलग-अलग बीमारी से हुई है.सीतामढ़ी और गोपालगंज में हुई इन 10 मौतों को लेकर बीजेपी ने भी सरकार पर आक्रमण किया है. मंगलवार को बयान जारी करते हुए सुशील कुमार मोदी ने बोला कि सीतामढ़ी और गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 10 लोगों की मृत्यु ने फिर साबित किया कि राज्य सरकार पूर्ण मद्य निषेध की नीति लागू करने में पूरी तरह असफल है. पुलिस प्रशासन एक तरफ शराब माफिया की सहायता कर अकूत कमाई कर रहा है और दूसरी तरफ जहरीली शराब से मृत्यु छिपाने के लिए रिकॉर्ड में "अज्ञात बीमारी से मौत" दर्ज कर रहा है ताकि आश्रितों को मुआवजा न मिल सके.