राज्य में अभी तक 21 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं.
इन उपभोक्ताओं के द्वारा हजारों शिकायत की गई है.
विजय कुमार सिन्हा ने बोला कि शिकायतों में अधिक बिजली बिल, प्रतिदिन फिक्स्ड विद्युत चार्ज, बल्ब नहीं जलाने पर भी बिल, विद्युत लोड में अनियमितता इसके अलावे अन्य समस्याएं सम्मिलित हैं, जिसका निष्पादन नहीं किया जाता है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर मामला की शिकायत माननीय न्यायालय में भी की गई है. सरकार ने इस योजना को उपभोक्ताओं से जबरन लूट का माध्यम बना लिया है. इस योजना में खामियां और उपभोक्ताओं की शिकायत की अनदेखी की जा रही है. कमायी का नया जरिया बन गया है.नेता प्रतिपक्ष ने बोला कि बिजली की चोरी, वितरण में हानि, संचरण में अनियमितता को दूर करने हेतु सरकार कोई प्रयत्न नहीं कर रही है. इन माध्यमों से जो विद्युत हानि और अपव्यय होता है उसका सीधा भार स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उपभोक्ताओं पर पड़ता है. सरकार को स्मार्ट प्रीपेड योजना हेतु चयनित कार्यकारी एजेंसियों के गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए.और बता दे कि यदि इन पर रोक नहीं लगाया गया तो एक बड़ा घोटाला के रूप में यह योजना राज्य को शर्मशार कर देगा.