इसके बाद से नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से आमने-सामने कभी नहीं हुए हैं.
दिल्ली में कई बार सरकारी बैठक हुई. नीति आयोग की बैठक में भी नीतीश कुमार सम्मिलित नहीं हुए, लेकिन 2 महीने पूर्व जी20 की बैठक की डिनर में नीतीश कुमार सम्मिलित हुए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आमने-सामने हुए थे. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक पिछले साल 2022 में कोलकाता में हुई थी तो बीमार रहने का हवाला देकर नीतीश कुमार सम्मिलित नहीं हुए थे और तेजस्वी यादव उस बैठक में पहुंचे हुए थे, लेकिन इस बार यह बैठक पटना में हो रही है और इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अध्यक्षता करेंगे.ऐसे में कयास लग रहे हैं कि पटना में बैठक होने पर मुख्यमंत्री पहुंच सकते हैं. क्षेत्रीय परिषद का गठन 1956 में हुआ था. इसमें 5 जोन है. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में 4 राज्यों में 5 बार इसकी बैठक पटना में हुई है. इसमें 1958, 1963, 1985 और 2015 में भी पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक पटना में हुई थी. बता दें कि क्षेत्रीय परिषद का पदेन अध्यक्ष केंद्रीय गृह मंत्री होता है. प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद में सम्मिलित किए गए राज्यों के मुख्यमंत्री, रोटेशन से एक वक्त में एक साल की अवधि के लिए उस अंचल के आंचलिक परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में काम करते हैं. मुख्यमंत्री एवं प्रत्येक राज्य से राज्यपाल द्वारा नामित 2 अन्य मंत्री और परिषद में सम्मिलित किए गए संघ राज्य क्षेत्रों से दो सदस्य साथ ही प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद के लिए योजना आयोग (अब नीति आयोग) द्वारा नामित एक मुख्य सचिव और जोन में सम्मिलित प्रत्येक राज्य द्वारा नामित एक अन्य अधिकारी एवं विकास आयुक्त सम्मिलित होते हैं.
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय एकीकरण को साकार करना, तीव्र राज्य के संचेतना, क्षेत्रवाद तथा केंद्र एवं राज्यों को विचारों एवं अनुभवों का आदान-प्रदान करने तथा मदद करने के लिए सक्षम बनाना होता है. साथ ही विकास परियोजनाओं के कामयाब एवं तीव्र निष्पादन के लिए राज्यों के बीच मदद के वातावरण स्थापना करना होता है.