सूर्योपासना के इस महापर्व छठ व्रत की शुक्रवार को नहाय खाय के साथ शुरुआत हो चुकी है.
शनिवार को खरना है. रविवार को अस्ताचलगामी और सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. सबसे गौर करने वाली बात है कि इनकी न केवल छठ व्रत को लेकर श्रद्धा है बल्कि इनका पूरा विश्वास भी है.संग्रामपुर गांव की रहने वाली शबनम खातून, संतरा खातून, नूरजहां खातून का मानना है कि उनके घर पर छठी मईया की कृपा बरसी तभी घरों में बच्चों की किलकारियां गूंजी. आज इनका विश्वास छठी मईया पर बना हुआ है. इनका मानना है कि वे पूरी शुद्धता और रीति रिवाज, नियम के साथ छठ त्योहार करती हैं. उनके घर के पुरुष सदस्य भी इसमें मदद करते हैं.इधर, वैशाली जिले के लालगंज और सराय थाना इलाकों में भी कई मुस्लिम महिला और पुरुष प्रति साल छठ पर्व करती हैं. इन लोगों का बोलना है कि इस त्योहार के बीच मजहब कभी आड़े नहीं आता. वह अन्य हिन्दू महिलाओं के साथ त्योहार की तैयारी करती हैं और बता दे कि एक ही घाट पर भगवान भास्कर को अर्घ्य देती हैं.