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लालू के 'चैलेंज' को नित्यानंद राय ने किया स्वीकार, राबड़ी को मुख्यमंत्री क्यों बनाना पड़ा? कारण बताया


संवाद 


गोवर्धन पूजा के अवसर पर मंगलवार (14 नवंबर) को पटना के इस्कॉन मंदिर आए एक प्रोग्राम में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) पर खूब जमकर आक्रमण किया था. कई इल्जाम लगाए थे. यहां तक बोल दिया था कि अगर वे तेज प्रताप को खड़ा कर दें नित्यानंद राय की जमानत जब्त हो जाएगी. अब नित्यानंद राय ने लालू प्रसाद यादव के चैलेंज को स्वीकार कर लिया है. बुधवार (15 नवंबर) को एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बड़ा वर्णन दिया.
नित्यानंद राय ने बोला कि तेज प्रताप यादव हों चाहे तेजस्वी यादव या उनके परिवार का कोई भी सदस्य हो वह आए और उजियारपुर लोकसभा से चुनाव लड़े. अगर मैं पराजित हो गया तो मैं चुनावी राजनीति से संन्यास लेकर सिर्फ भारतीय जनता पार्टी का छोटा कार्यकर्ता बनकर बूथ स्तर तक सेवा करूंगा. 

अगर वह हार गए तो उन्हें बिहार की सियासत से संन्यास लेना पड़ेगा. 

नित्यानंद राय ने विनती करते हुए बोला कि उनकी चुनौती को लालू यादव स्वीकार करें.लालू प्रसाद यादव ने नित्यानंद राय पर गाय-भैंस कटवाने का इल्जाम लगाया था. इस पर नित्यानंद राय ने बोला कि यह सफेद झूठ है. लालू के बेटे हैं तेजस्वी यादव. विधायक हैं. राघोपुर के किसी भी पवित्र गांव में आएं गंगा के तट पर मैं उनको साबित करुंगा कि कौन गो रक्षक है, कौन गो सेवक है और कौन तुष्टिकरण की सियासत करके कसाईखाना खुलवा रहा है. लालू की तरफ से उन्हें कंस बोले जाने पर पलटवार करते हुए बोला कि जो भ्रष्टाचारी है, जो पाप करता है, जो अवैध तरीके से अकूत संपत्ति जमा करता है वह कंस है.लालू ने अपने भाषण में नित्यानंद राय को ठेकेदार बताया था. इस पर उन्होंने बोला मैंने अपने जीवनकाल में एक रुपये की ठेकेदारी नहीं की. अगर लालू यादव साबित कर देते हैं कि मैंने ठेकेदारी की है तो उनके पास गुलामी करने के लिए तैयार हूं. नित्यानंद ने बोला कि लालू को यादव ही नहीं किसी से कोई मतलब नहीं है. किसी और पर विश्वास नहीं है यही वजह है कि उन्होंने अपनी पत्नी को ही मुख्यमंत्री बनाया था.

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