बोला कि जब तक हम लोगों की बात नहीं मानी जाएगी हम लोग इस तरह प्रदर्शन करते रहेंगे.
एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए एक आंगनबाड़ी सेविका ने बोला, "हम लोग डेढ़ महीने से हड़ताल पर हैं, लेकिन सरकार नहीं सुन रही है. पुलिस ने आज हम लोगों पर लाठीचार्ज किया. आंसू गैस छोड़े. एक सेविका नहीं दिख रही है. वह नहीं रही. क्या औरत पर लाठीचार्ज होना चाहिए? ये कैसी सरकार है? क्या हम लोगों की मांग जायज नहीं है?" वहीं एक दूसरी सेविका ने बोला, "तेजस्वी यादव गोपालगंज गए थे तो वादा किया था. अब वादे से मुकर गए. हम लोग जन्म से लेकर मृत्यु तक का कार्य करते हैं. सभी रिपोर्ट आंगनबाड़ी सेविकाएं देती हैं." गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले आंगनबाड़ी सेविकाएं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश दफ्तर भी पहुंचीं थीं. उस दिन आरजेडी दफ्तर में जनता दरबार होना था. मंत्री तेज प्रताप यादव आए थे. उन्हें महिलाओं ने घेर लिया था. उस दिन तेज प्रताप यादव ने आश्वासन दिया था कि समाज कल्याण विभाग मुख्यमंत्री के पास है. वह पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को इस संबंध में अवगत कराएंगे.बता दें कि आंगनबाड़ी सेविकाएं कई बार अलग-अलग प्रोग्राम में भी जाकर अपनी बात रखती रही हैं. कुछ दिनों पहले जेडीयू के राषट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह मुंगेर गए थे. वहां भी आंगनबाड़ी सेविकाएं पहुंची थीं, लेकिन बिना उनकी बात सुने ललन सिंह वहां से निकल गए थे. यह घटना नवरात्र के वक्त की है.बिहार में आंगनबाड़ी सेविका को 5950 रुपये मानदेय दिए जाते हैं. इसे बढ़ाने के लिए आए दिन आंगनबाड़ी सेविकाएं बवाल भी करती हैं. आंगनबाड़ी सेविकाओं की मुख्य मांग है कि उन्हें सरकारी कर्मी का दर्जा दिया जाए और नहीं तो 25000 मानदेय दिया जाए.