नीतीश सरकार (Nitish Government) ने प्रदेश में ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाया है. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के लिए पूर्व में जारी अध्यादेश को बदलने के लिए सोमवार (06 नवंबर) को बिहार माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक-2023 राज्य विधानसभा में पेश किया गया. इस विषय में सितंबर में केंद्र की अधिसूचना के बाद 1 अक्टूबर से राज्य में ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ और कसीनो पर अतिरिक्त कर लागू है.बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को विधानसभा में इस संबंध में विधेयक पेश किया. विजय चौधरी ने बोला, ‘‘केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सितंबर में ऑनलाइन मनी गेम्स, कसीनो, घुड़दौड़, सट्टेबाजी, जुए और लॉटरी पर 28 प्रतिशत का एक समान जीएसटी लागू करने के लिए अधिसूचना जारी की थी. राज्य में नई कर व्यवस्था 1 अक्टूबर से लागू है. अब अध्यादेश को संशोधन विधेयक द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा.’’
उन्होंने बोला कि इस कर के लगने से राज्य को निश्चित रूप से अतिरिक्त राजस्व मिलेगा.
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने 2 अगस्त, 2023 को अपनी 51वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर लगाए गए दांव के पूर्ण अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत कर लगाने के अपने पहले के निर्णय पर कायम रहने का फैसला किया था. जीएसटी परिषद ने बोला था कि 1 अक्टूबर से 28 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा.जीएसटी परिषद के निर्णय से पहले, ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को सकल गेमिंग राजस्व या जीजीआर पर 18 प्रतिशत कर देना पड़ता था. जीजीआर खिलाड़ियों द्वारा दांव पर लगाई राशि और जीत के रूप में भुगतान की गई राशि के बीच का अंतर है. मंत्री ने बोला, “खेल में खिलाड़ी द्वारा जमा की गई राशि पर 28 प्रतिशत कर देना होगा. मान लीजिए कि एक खिलाड़ी एक खेल में 2,000 रुपये लगाता है. और बता दे कि उन्हें 28 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना होगा, जो कि 560 रुपये होगा.’’