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'भीम संसद' कराने के पीछे JDU की मंशा पर पशुपति पारस कहे- 'उस मामले पर पर्दा डालने के लिए...'


संवाद 


राजधानी के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में संविधान दिवस के मौके पर रविवार को जेडीयू (JDU) की ओर से 'भीम संसद' प्रोग्राम का आयोजन किया गया. वहीं, इसको लेकर केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने बोला कि यह अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) का प्रोग्राम नहीं है बल्कि बिहार सरकार का प्रोग्राम है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जो विधानसभा में महिलाओं के विरुद्ध और जीतन राम मांझी के विरुद्ध बयान दिया था. यह दोनों ही घटनाएं बिहार के लिए बहुत ही शर्मनाक है. उस घटना पर पर्दा डालने के लिए इस 'भीम संसद' का आयोजन किया गया है.जीतन राम मांझी को जिस तरीके से अपमानित किया गया. वह एक वक्त में बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. नीतीश कुमार से बड़े हैं.

 इन्हीं सब चीजों पर पर्दा डालने के लिए इस भीम संसद का आयोजन किया गया है. 

यह एक सरकार रैली है.जेडीयू के कई नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ओबीसी का सबसे बड़ा चेहरा बताया है. इसको लेकर पशुपति कुमार ने बोला कि ओबीसी का सबसे बड़ा मुखौटा देश में एक ही आदमी है वह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. नीतीश कुमार ओबीसी के बड़े चेहरे नहीं हैं उनको तो बिहार के लोग नहीं जानते हैं. नीतीश कुमार जबकि पिछड़ी जात से नहीं आते हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी पिछड़ी जात से आते हैं. पिछले 18 सालों से नीतीश कुमार सत्ता में हैं उन्होंने पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिए क्या किया है?आगे केंद्रीय मंत्री ने बोला कि यह जो जाति आधारित गणना हुई है यह बिल्कुल पूरी तरीके से गलत है. हम इसको सही नहीं मानते हैं. सचिवालय में बैठकर इस सर्वे को पूरा किया गया है, जो उनके जात के सपोर्टर हैं और बता दे कि उनकी संख्या को बढ़ा दी गई है जो विरोध में है उनकी संख्या को घटा दी गई है.

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