सुशील कुमार मोदी ने बोला कि ललन सिंह को हमसे प्रश्न पूछने से पहले जिस गठबंधन में वो हैं उसके नेताओं से पूछना चाहिए कि आज तक उन्होंने कांग्रेस शासित राज्यों में जातीय गणना क्यों करवाई? जब चुनाव नजदीक आया और चुनाव का एलान हो गया तब बोल रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में कराएंगे.
इन्हें कोई जातीय गणना से मतलब नहीं है.
इसके नाम पर देश और समाज को बांटने का कार्य कर रहे हैं.बीजेपी नेता ने बोला कि अमित शाह ने ठीक बोला है कि यादव और मुस्लिम की संख्या बढ़ा दी गई है. 1931 में जातीय गणना हुई थी. उस वक्त बिहार में 12.7 प्रतिशत यादव थे. उनकी संख्या बढ़कर 14.3 हो गई. 1931 में बिहार में मुसलमानों की जनसंख्या 14.6 प्रतिशत थी जो बढ़कर 17.7 प्रतिशत हो गई है. लालू यादव के दबाव में कुछ जातियों की संख्या बढ़ा दी गई.सुशील मोदी ने बोला, "जो अतिपिछड़ा समाज है जिसको आप कह रहे हैं कि 36 प्रतिशत है, वो इससे काफी ज्यादा है. आज बिंद, नोनिया, मल्लाह, बेलदार, वैश्य, चंद्रवंशी सारी जातियों का धरना प्रदर्शन चल रहा है. सब लोग बोल रहे हैं कि हमारी संख्या को जानबूझकर कम करके बताया गया है. हम तो जातीय सर्वेक्षण कराने के पक्ष में थे. हमारी सरकार का ये फैसला है, लेकिन आपने तो अतिपिछड़ों की हकमारी की है. इन्हें धोखा दिया है. इसका जवाब ललन सिंह दें कि इन वर्गों की संख्या कैसे घट गई."