पूर्व केंद्रीय मंत्री और कभी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के काफी करीबी रहे आरसीपी सिंह (RCP Singh) ने सीएम के सदन में दिए गए वर्णन पर खूब जोरदार आक्रमण किया है. बुधवार (08 नवंबर) को अपने पैतृक गांव मुस्तफापुर में मीडिया से बात करते हुए आरसीपी सिंह ने बोला कि नीतीश कुमार शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक नहीं रह गए हैं. जो बयान आया है वो इसकी पुष्टि करता है. इस प्रकार के बयान के बाद मुख्यमंत्री के पद पर एक मिनट भी बने रहना उचित नहीं है. बिहार और बिहार के जो लोग बाहर हैं वो इस बयान को देखने के बाद शर्मिंदगी महसूस कर रहे होंगे. जहां उन्होंने बयान दिया वह कोई बच्चों का क्लास नहीं था, इनकी मित्र मंडली नहीं थी, यह सदन था और सदन का गरिमा बनी रहती है.आरसीपी सिंह ने बोला कि मैं डॉक्टर नहीं हूं, लेकिन नीतीश कुमार के जितने पुराने बयान हैं उनको छोड़कर एक सप्ताह के भीतर का बयान देख लें, उनका रूटीन देख लें, सुबह उठकर कहां जाते हैं, किसके-किसके यहां जाते हैं, यही रूटीन है मुख्यमंत्री का जो कभी नहीं था.
रूटीन और बयान की जितनी भी बुराई की जाए कम है.
आरसीपी सिंह ने बोला कि नीतीश कुमार सदन में जाने से पहले त्यागपत्र दे दें. माफी मांगनी चाहिए. उपचार कराएं क्योंकि मानसिक रूप से संतुलन खो चुके हैं. नीतीश कुमार को ये भी पता है कि क्या सही है और क्या गलत है? कौन सी अभद्र भाषा है, कौन सी अश्लील भाषा है और कौन मर्यादा वाली भाषा है, जब इसका ज्ञान नहीं रह गया तो क्या कहा जाए.
बीजेपी नेता आरसीपी सिंह ने बोला, "अगर तेजस्वी यादव को सही लगता है तो मुख्यमंत्री वरीय नेता हैं उनके, तेजस्वी यादव घर पर बुलाएं और अपने पिता और माता जी के सामने जितने भी सेक्स एजुकेशन की बात करते हैं वो बोलें और ग्रहण करें."
आरसीपी सिंह ने बोला कि संगति का असर पड़ता ही है और पड़ेगा ही. उन्होंने बोला कि भगवान यहीं न्याय देते हैं. आपने जो बिहार की जनता के जनादेश का अपमान किया उसका परिणाम आपको भुगतान पड़ेगा और आप भुगत रहे हैं. इससे ज्यादा बुरा आपके लिए और बिहार के लिए कुछ नहीं होगा.