जो इस संविधान और जनतंत्र के लिए घातक है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो आरोपी हैं ही, लेकिन हमारे अध्यक्ष भी उनसे कम आरोपी नहीं हैं.बता दें कि विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर गुरुवार को जिक्र हो रही थी. पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने इस दौरान चर्चा में हिस्सा लेते हुए जातीय सर्वे पर ही प्रश्न उठा दिया. उन्होंने बोला कि क्या सरकार कभी इसका विश्लेषण किया है कि आरक्षण का लाभ लोगों को मिल रहा है. इतना सुनते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुस्सा गए और खड़ा होकर कहने लगे. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी को कोई ज्ञान नहीं है. मेरी मूर्खता की वजह से सीएम बन गए. उन्होंने आगे बीजेपी की तरफ इशारा करते हुए बोला कि ये गवर्नर बनना चाहता है, पहले भी आप लोगों के पीछे घूमता था, बनवा दीजिए गवर्नर. वहीं, इस बयान को लेकर शुक्रवार को बीजेपी विधायक व मांझी विधानसभा परिसर में धरने पर बैठ गए हैं. नीतीश से त्यागपत्र की मांग कर रहे हैं.