हम लोगों ने हमेशा इस निर्णय का समर्थन किया.
सदन में जब इस प्रस्ताव को लाया गया था तब मैंने ही अपनी पार्टी की तरफ से मत रखते हुए इसका समर्थन किया था. बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के सरकार के निर्णय को बरकरार रखते हुए सोमवार को बोला कि अगले वर्ष 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए. शीर्ष अदालत ने यह भी आदेश दिया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने अपने और न्यायमूर्ति बी आर गवई एवं न्यायमूर्ति सूर्यकांत की तरफ से निर्णय सुनाते हुए बोला कि संविधान का अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था और राष्ट्रपति के पास इसे रद्द करने की शक्ति है.