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मधुबनी के पैतृक गांव में दारोगा खामस चौधरी का हुआ अंतिम संस्कार, लाश आते ही मचा तहलका


संवाद 


बेगूसराय में तैनात एसआई खामस चौधरी को शराब तस्करों ने गाड़ी से कुचलकर मंगलवार (19 दिसंबर) की रात्रि को मार डाला. वह शराब की जानकारी मिलने के बाद पकड़ने के लिए गए थे. इस दुर्घटना में एक होमगार्ड जवान घायल हुआ है. बुधवार (20 दिसंबर) की रात्रि गांव में खामस चौधरी का शव आते ही परिवार वालों में कोहराम मच गया. खामस चौधरी मधुबनी के मारर के रहने वाले थे.परिवार वालों ने बताया कि खामस चौधरी चार भाई थे. खामस चौधरी से एक बड़े और 2 छोटे भाई हैं. चारों भाइयों के सिर से पिता का साया 1980 में ही उठ गया था. सबसे बड़े भाई उमेश चौधरी (उम्र करीब 60 वर्ष) जो अकाउंटेंट हैं उन्होंने ही सभी भाइयों को सहारा दिया. खामस चौधरी (उम्र करीब 50 वर्ष) ने संघर्ष करके पढ़ाई की और यहां तक वह पहुंचे थे.खामस चौधरी अपने पीछे अपनी मां, पत्नी और चार बच्चों को छोड़ गए. 

सबसे बड़ा लड़का 14 वर्ष का है जबकि सबसे छोटी लड़की छह वर्ष की है.

 घटना के बाद घर पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है. भाई अशोक चौधरी ने बोला कि न्याय मिलना चाहिए. बोला कि यह प्रशासनिक चूक है. रात के 12 बजे ड्यूटी करने गए एक पुलिसकर्मी को कुचल दिया जाता है. ये एक चिंता का विषय है.बता दें कि मंगलवार की रात्रि बेगूसराय में गुप्त जानकारी पर शराब तस्करों को पकड़ने के लिए नावकोठी थाने में तैनात दारोगा खामस चौधरी गए थे. उनके साथ कुछ अन्य पुलिस के जवान भी थे. उन्होंने कार को रोकने का प्रयत्न किया लेकिन शराब तस्कर ने स्पीड बढ़ा दी और कुचल दिया. खामस चौधरी के साथ एक होमगार्ड जवान को भी कार के चालक ने टक्कर मारी थी. बाद में कार को पुलिस ने बरामद कर लिया. हालांकि गाड़ी में शराब नहीं मिली.

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