मेरा मकसद है कि सभी युवा कुछ ऐसा करें कि कोई बेरोजगार ना रहे.
इसके लिए जाति से ऊपर उठना पड़ेगा. उन्होंने बोला कि जातियां पहले भी थीं, लेकिन जिस तरह का जातिवाद अभी है अगर पहले ऐसा होता तो नंद वंश का उदय नहीं होता. बिहार ऐसी धरती है जहां निम्न वर्ग से आने वाले शासक बने.आईपीएस विकास वैभव ने बोला कि हमने अपने प्रोग्राम के तहत 4000 से अधिक लोगों को जोड़ा है. 10 दिसंबर को बेगूसराय में जन संवाद प्रोग्राम होगा. इसके बाद 20 दिसंबर को आरा में प्रोग्राम होगा. पंचायत स्तर तक युवाओं को इसमें जोड़ने का कार्य करेंगे. क्या विकास वैभव का उद्देश्य चुनाव लड़ना है? खंडन करते हुए इस पर उन्होंने बोला कि सियासत में अच्छे लोगों को आना चाहिए. राजनीति बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है. इसमें ईमानदार व्यक्ति को आना चाहिए. निस्वार्थ भाव से कार्य करने वाले व्यक्ति को आना चाहिए तभी एक बदलाव होगा, लेकिन मैं उससे भी बड़े बदलाव की बात कर रहा हूं. यह सामाजिक परिवर्तन है.विकास वैभव ने बोला कि किसी एक व्यक्ति के चुनाव लड़ने से बिहार को नहीं बदला जा सकता है, लेकिन हर व्यक्ति बिहार में जाग गया और सोचने लगा कि जाति-धर्म से उठकर हम कुछ बिहार के लिए करें तो निश्चित रूप से बिहार बदलेगा. यही बड़े मकसद में मैं लगा हुआ हूं. मेरी सोच छोटी नहीं है. मैं हर बिहार वासियों को बोलना चाहता हूं कि मेरे पूर्वजों की सोच बड़ी थी और इस बड़ी सोच के साथ में भेदभाव से ऊपर उठकर कार्य कर रहा हूं.