बीपीएससी द्वारा प्रथम चरण शिक्षक भर्ती (BPSC Teacher News) में नीतीश सरकार (Nitish Government) ने 120336 अभ्यर्थियों को नियुक्ति खत देने का दावा किया. शिक्षा विभाग ने दावा किया कि सभी पास अभ्यर्थी स्कूलों में योगदान दे चुके हैं, लेकिन सच्चाई है कि 120000 में करीब 93 हजार ही शिक्षक योगदान दिए हैं और प्रथम चरण में ही करीब 23000 के लगभग पद खाली है. इसको लेकर अनुत्तीर्ण शिक्षक निरंतर बवाल कर रहे हैं और उस रिक्त पद को भरने तथा किस आधार पर वह पद रिक्त हुई है? उसे जारी करने की मांग कर रहे हैं. आज (25 दिसंबर) शिक्षक अभ्यर्थियों ने गर्दनीबाग में धरना देते हुए बिहार शिक्षा और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) के विरुद्ध खूब जमकर आंदोलन किया.अभ्यर्थियों ने बोला कि BPSC TRE 1.0 में जो परिणाम का प्रकाशन 1 लाख 20 हजार 336 का हुआ था, उसमें लगभग योगदान की प्रकिया पूरी कर ली गई है. बीपीएससी द्वारा 1,20,336 परिणाम के डेटा के बाद बहुत सारी सीटें खाली आ रही हैं. सभी रिक्त सीटों पर जो मेघा सूची के आधार पर छात्र/छात्रा आ रहे हैं उनकी रिजल्ट प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा कक्षा (1-5) में जातिगत आधार पर सप्लीमेंट्री रिजल्ट प्रकाशन किया जाना चाहिए.अभ्यर्थियों ने बताया कि हम लोग निरंतर TRE 1.0 के अंतर्गत पूरक परिणाम की मांग कर रहे हैं. TRE 1.0 के परीक्षा फल प्रकाशन के बाद बिहार लोक सेवा आयोग के चेयरमैन द्वारा निर्देशित किया गया था कि इस रिजल्ट के बाद पूरक परिणाम जारी किया जाएगा.
उक्त बयान के आलोक में हम सभी अभ्यर्थी आयोग और विभाग से आग्रह करते है कि पूरक रिजल्ट जारी करे.
अभ्यर्थियों ने शिक्षा विभाग से पांच सूत्री मांग की है, जिसमें सर्वप्रथम रिक्त पदों पर पूरक परिणाम प्रकाशित किया जाए. दूसरी मांग है कि फर्जी, मल्टीपल रिजल्ट, ड्रॉप आउट आदि अभ्यर्थियों की रिक्ति की गणना की जाए. तीसरे मांग है कि बीएड अभ्यर्थी जिनके पास डिप्लोमा नहीं पाई गई और विभन्न जिलों से निर्गत निर्देश के आलोक में उनकी नियुक्ति पत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास जमा किया गया है तो वैसे रिक्त पदों की गणना होनी चाहिए. चौथी मांग है कि शिक्षक एवं अन्य सरकारी संगठन से जुड़े अभ्यर्थी जिन्होंने योगदान नहीं लिया वैसी रिक्तियां की गणना हो. वहीं, पांचवीं मांग है कि वैसे अभ्यर्थी जो डीएलएड, सीटेट में अनुतीर्ण पाए गए हो वैसे रिक्तियां की गणना की जाए.