जानिए त्यागपत्र के पीछे की कुछ कारण.
पहली वजह: जेडीयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दिल्ली में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद बोला कि ललन सिंह ने खुद अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने की पेशकश की तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उसे स्वीकार कर लिया है. अब नीतीश कुमार हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे. विजय चौधरी ने बोला कि ललन सिंह ने यह प्रस्ताव रखा कि वह खुद चुनाव लड़ने वाले हैं और उनका क्षेत्र में रहना अनिवार्य है. इसमें उनकी व्यस्तता रहेगी है इस वजह से वह राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को संभालने में असमर्थ है. इस पर नीतीश कुमार ने उनके त्यागपत्र को स्वीकार कर लिया. आधिकारिक तौर पर यही वजह सामने आई है.
दूसरी वजह: ललन सिंह का त्यागपत्र तुरंत नहीं हुआ है. ऐसी खबरें हैं कि इसकी पटकथा काफी पहले लिखी जा चुकी थी. पहले से जिक्र हो गई थी कि ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटेंगे और उनकी जगह कोई और इस संभालेगा. इसके पीछे एक कारण यह भी मानी जा रही है कि ललन सिंह से पार्टी के कई नेता खुश नहीं हैं. यह बात नीतीश कुमार तक पहुंची. नीतीश कुमार इससे पहले सभी विधायक, विधान पार्षद, सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व विधान पार्षद के साथ बैठक करते रहे हैं. पार्टी में अंदर की बातों का जायजा लेते रहे हैं. हो सकता है कि एक वजह इससे जुड़ा भी हो.
तीसरी वजह: ललन सिंह के त्यागपत्र की वजह जो बताई गई है वो पूरी तरह हजम नहीं हो रहा है क्योंकि अध्यक्ष पद पर रहते हुए भी ललन सिंह चुनाव की तैयारी कर सकते थे. मुख्य बात है कि नीतीश कुमार अपनी पुरानी गलती को दोहराना नहीं चाहते हैं और उन्होंने ललन सिंह से त्यागपत्र लिया है. इसकी एक और वजह यह भी है कि इन दिनों ललन सिंह की लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से नजदीकी बढ़ गई है और पार्टी के नेताओं के साथ उनका रवैया सही नहीं है. नीतीश कुमार के साथ काफी करीबी रहे कई नेताओं ने ललन सिंह पर तानाशाही का इल्जाम लगाकर त्यागपत्र दिया था. इंडिया गठबंधन की एक बैठक में ललन सिंह कांग्रेस की सभी बातों में हामी भर रहे थे जो नीतीश कुमार को पसंद नहीं आया था. उस वक्त भी नीतीश कुमार की नाराजगी दिखी थी. ऐसे में साफ है कि यह सब कुछ एकाएक नहीं हुआ है. सियासी गलियारे में इन सारी बातों की जिक्र हो रही है.