हाथों में फूलो की माला लेकर मनीष कश्यप की प्रतिक्षा कर रहे थे.
जैसे ही मनीष जेल से बाहर आए उनको देखने के लिए और उनसे मिलने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. जेल गेट से बेउर मोड़ तक तकरीबन एक किलोमीटर तक समर्थकों का तांता लगा रहा. NH 30 भी जाम हो गया.मनीष कश्यप के समर्थक शुक्रवार से ही बेउर जेल के पास जमे हुए थे. बताया जाता है कि रात में ही काफी भीड़ थी जिसके वजह से मनीष कश्यप को कल रात्रि में जेल से बाहर नहीं निकाला गया. वहीं, मनीष कश्यप के समर्थकों का बोलना है कि जिस तरह भगवान राम वनवास काटकर बाहर आए थे और दिवाली मनाई गई थी उसी प्रकार आज हम लोग काफी ज्यादा उत्साहित हैं और हमारे लिए बिहार के श्री राम जेल से बाहर आ रहे हैं उनके लिए हम लोग भी आज जश्न मनाएंगे. समर्थको ने बोला कि मनीष कश्यप को देशद्रोही बोला गया और हम लोग मानते हैं कि वह भगत सिंह वाले देशद्रोही हैं जो अंग्रेजों को छक्के छुड़ाए थे. मनीष कश्यप मजदूर और पीड़ितों की आवाज हैं. यहां जो भीड़ है वह पैसे पर लाई गई भीड़ नहीं है बल्कि मनीष कश्यप का प्यार है कि सभी लोग यहां खिंचे चले आए हैं.