गिरिराज सिंह 422217 वोट से चुनाव जीते थे.
तीसरे नंबर पर आरजेडी के तनवीर हसन रहे. उन्हें महज 1 लाख 97 हजार वोट मिले थे.बात अगर बेगूसराय लोकसभा सीट की करें तो इस पर पूर्व से कांग्रेस का दबदबा रहा है. 1952 से लेकर अब तक यहां कांग्रेस ने 9 बार चुनाव जीता है. सीपीआई दो बार चुनाव जीत चुकी है लेकिन 2004 से निरंतर यहां एनडीए के प्रत्याशी ही चुनाव जीत रहे हैं. इनमें 2004 में जेडीयू से ललन सिंह और 2009 में जेडीयू से मोनाजिर हसन ने जीत दर्ज किया था. 2014 से निरंतर इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. 2014 में भोला सिंह बीजेपी से चुनाव जीते थे. 2019 में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व में गिरिराज सिंह को मौका दिया था. हालांकि गिरिराज सिंह बेगूसराय से चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक नहीं थे और उस समय काफी जिक्र थी कि कन्हैया कुमार युवा चेहरा हैं और युवाओं के जुझारू नेता हैं. काफी लहर बन गई थी कि कन्हैया कुमार बेगूसराय सीट को निकाल लेंगे लेकिन चुनाव नतीजा चौंकाने वाला आया था. 4 लाख वोट से कन्हैया कुमार हार गए थे.बता दें कि बेगूसराय में सबसे ज्यादा भूमिहार जाति के वोटर हैं. करीब 5 लाख से ज्यादा यहां भूमिहार वोटर हैं तो ढाई लाख के करीब मुस्लिम मतदाता हैं. 2 लाख से अधिक कुर्मी-कुशवाहा वोटर हैं. बेगूसराय में डेढ़ लाख के करीब यादव मतदाता भी हैं. इसके अलावा ब्राह्मण, राजपूत और कायस्थ का भी वोट इस लोकसभा क्षेत्र में अहम है.