बिहार सरकार 50 लाख मुआवजा हम लोगों को दे.
पिता ने बोला कि हम लोगों को जम्मू कश्मीर बुलाया जा रहा था और बोला गया था कि अंतिम संस्कार यही कर दिया जाए, लेकिन हम लोग मना कर दिए यह बोलते हुए कि पार्थिव शरीर यहां गांव भेजिए.पिता ने बोला कि जिन लोगों ने वारदात को अंजाम दिया उनको मुंहतोड़ जवाब मिलना चाहिए. हम अपने दोनों बेटों को देश की रक्षा करने के लिए सेना में भेजेंगे. चंदन को बचपन से ही सेना में जाने का मन था. देश सेवा करना चाहता था. देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गया. आगे उन्होंने बोला कि देखिए मेरा कच्चा मकान है वह भी आधा अधूरा. गरीब किसान हैं. चंदन एक हफ्ते पहले बोला था कि मार्च महीने में आएंगे पूरे घर को अच्छे से बनाएंगे, लेकिन शहीद हो गया. बिहार सरकार मेरी सहायता करे. हम लोग बहुत गरीब हैंबता दें नवादा के वीर लाल चंदन कुमार जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी आक्रमण में शहीद हो गए हैं. 26 वर्षीय चंदन 2017 में आर्मी में भर्ती हुए थे. वह करीब ढाई वर्ष से जम्मू में पोस्टेड थे. चंदन गांव से ही शुरुआती पढ़ाई कर सेना में भर्ती हुए थे और 86 बटालियन इनफैंट्री में राइफल मैन के पद पर वे तैनात थे.