बिहार के आरा में सीनेट के विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठियां भांजी. छात्रों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की का माहौल देखा गया. विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों की तरफ से मोबिल जैसा तरल पदार्थ फेंका गया. इसपर उदवंतनगर के थाना प्रभारी अवधेश कुमार आग बबूला हो गए. वहीं जब पुलिस की तरफ से छात्रों पर लाठी चार्ज किया गया तो पुलिस ने यह भी नहीं देखा वो युवक है या युवती बस बिना देखें लाठियां भांजती रही.उदावंतनगर के थाना प्रभारी ने तनु नाम की लड़की पर लाठियां बरसा दी. वो भी एक महिला सिपाही के रहते हुए. वहां महिला सिपाही भी उपस्थित थी लेकिन छात्रा पर उदवंतनगर नगर थाना प्रभारी लाठियां बरसाते दिखे. पुलिस ने छात्रों को गंदे पानी वाले गड्ढे में भी ढकेल दिया. बता दें कि शनिवार को वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग भवन में सीनेट की बैठक हो रही थी. इस क्रम में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर भी सीनेट की बैठक में सम्मिलित होने आए थे.एबीवीपी के कार्यकर्ता अपनी 21 सूत्री मांगों को लेकर सीनेट की बैठक का विरोध किया. छात्र यूनिवर्सिटी के वीसी से बात करना चाहते थे. लेकिन शांतिपूर्ण बैठक को संपन्न कराने के लिए पुलिस द्वारा सभी प्रदर्शन कर रहे छात्रों को यूनिवर्सिटी के गेट पर ही रोक दिया गया.
जिसके बाद छात्र आक्रोशित हो गए और गेट पर चढ़कर भीतर जाने की कोशिश करने लगे.
उसी दौरान कुछ छात्रों की सहायता से यूनिवर्सिटी के मेन गेट का ताला तोड़ दिया गया. जिसके बाद सभी छात्र अंदर आने लगे. जिसे देख कर पुलिस ने तुरंत लाठी चार्ज कर दिया.इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को दौड़ा-दौड़ा कर मारा. जिसमें करीब एक दर्जन से ज्यादा छात्रों को चोट आई है. वहीं इस लाठी चार्ज में एक छात्र का सिर फट गया. जिससे खून बहने लगा. जिसके बाद उस छात्र को उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया गया.वही इस मामले पर भोजपुर एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि आज आरा यूनिवर्सिटी में जो विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई जिसमें पहले छात्रों के द्वारा गेट तोड़ दिया गया उसके बाद पुलिस के द्वारा हल्के बल प्रयोग के क्रम में एक दो छात्रों को चोट आई और तथा एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एक प्रदर्शनकारी लड़की के ऊपर लाठी चलाते हुए थाना अध्यक्ष दिख रहे हैं उक्त बातों को गंभीरता से लेते हुए थाना अध्यक्ष को शोकॉज करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है. सारी स्थिति की पुष्टि होने के बाद थाना अध्यक्ष को निलंबित भी किया जा सकता है.