इस बैठक में जो फैसले लिए जाते हैं वो सर्वमान्य होता है.
रवि उपाध्याय ने बोला कि नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री के बनने के बाद अभी तक राष्ट्रीय परिषद की बैठक नहीं हुई थी. इससे पहले राष्ट्रीय परिषद की बैठक 2003 में हुई थी जब जॉर्ज फर्नांडिस और नीतीश कुमार की समता पार्टी और शरद यादव की लोक शक्ति पार्टी का विलय हुआ था. दोनों पार्टी को मिलाकर जनता दल यूनाइटेड का गठन हुआ था. उस समय राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई गई थी और सर्वसमत्ति से विलय का फैसला लिया गया था. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में शरद यादव को चुना गया था. उसके बाद राष्ट्रीय परिषद की बैठक अभी तक नहीं की गई थी.रवि उपाध्याय ने आगे बोला कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जो फैसले लिए जाएंगे उस फैसले को राष्ट्रीय परिषद में लाया जाएगा. राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों की सहमति बन जाएगी तो वह पारित हो जाएगा. उन्होंने बताया कि यह निश्चित है कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक अहम होगी और बहुत बड़े फैसले लिए जा सकते हैं. उन्होंने बोला कि अभी अटकलें लगाई जा रही हैं क्योंकि जेडीयू के कई ऐसे सांसद हैं जिन्होंने प्रस्ताव रखा है कि एनडीए के साथ रहकर ही चुनाव जीता जा सकता है क्योंकि वे बीजेपी के मदद से सांसद बने हैं. वह पहले एनडीए के साथ थे. कई विधायक ने भी अलग से बैठक की है. नीतीश कुमार आगे क्या करेंगे यह इस बैठक में सब कुछ साफ हो सकता है.