वहीं विपक्ष इस त्यागपत्र का सारा ठीकरा मुख्यमंत्री पर ही फोड़ रहा है.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार को लेकर आक्रमण बोला. शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर लिखा, "ऐसा कोई सगा नहीं जिसको नीतीश कुमार ने ठगा नहीं."
जीतन राम मांझी ने अपने पोस्ट में ही एक ऐसी लाइन भी लिखी है जिससे यह लग रहा है कि ललन सिंह ने त्यागपत्र नहीं दिया है बल्कि उन्हें हटा दिया गया है. जीतन राम मांझी ने लिखा कि, "नीतीश कुमार की 3 वर्षीय योजना के तहत ललन सिंह का भी पत्ता साफ कर दिया गया है. वैसे ललन बाबू को समझना चाहिए था कि जो नीतीश कुमार फर्नांडिस साहब के ना हुए, आरसीपी बाबू, शरद यादव, दिग्विजय सिंह के ना हुए वह उनके कैसे होंगे? ऐसा कोई सगा नहीं जिसे नीतीश ने ठगा नहीं."
वहीं दूसरी तरफ ललन सिंह के त्यागपत्र के बाद जैसे ही यह खबर सामने आई कि नीतीश कुमार अब पार्टी की कमान संभालेंगे तो यहां अबीर-गुलाल लगाते हुए कार्यकर्ता खुशी मनाने लगे. इतना ही नहीं बल्कि नारा लगाने लगे कि देश का प्रधानमंत्री कैसा हो नीतीश कुमार जैसा हो. अब आने वाले वक्त में देखना होगा कि इस परिवर्तन के बाद अब मुख्यमंत्री लोकसभा चुनाव को लेकर किस तरह से रणनीति बनाते हैं.