चिराग पासवान ने बोला, "देश की संसद है और चुने हुए सांसद पर आते हैं. ना सिर्फ सांसदों की सुरक्षा का मामला है बल्कि देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री यहीं पर बैठते हैं. ऐसे में अगर सदन में इस तरीके की घटना होगी तो यकीनन देश भर में इसका संदेश ठीक नहीं जाएगा. ऐसे में मुझे लगता है कि जिम्मेवारी और जवाबदेही भी तय करने की आवश्यकता है."चिराग ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बोला कि संसद के परिसर में आम लोग जो विजिटर्स होते हैं वो पास लेकर घूमते हैं. बिना क्रॉस वेरिफाई किए वह व्यक्ति कौन है नहीं है कई बार सासंद लोग भी हस्ताक्षर कर देते हैं.
बिना पहचान के सदन में किसी के भी जाने की आदेश नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने बोला कि दर्शक दीर्घा और सांसदों के बीच में कितनी दूरी है, लेकिन वह व्यक्ति इतनी सहजता से कूद गया. ये दर्शाता है कि आज ये घटना हुई है तो कल को कोई और बहुत बड़ी घटना घट सकती है. ऐसे में नियम कानून को और सख्त करने की आवश्यकता है. जिन सासंदों के माध्यम से लोग आते हैं या सांसद हस्ताक्षर करते हैं उसको और जितना सख्त करने की आवश्यकता है किया जाना चाहिए.बता दें कि बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल की कार्यवाही चल रही थी. इस क्रम में अचानक दर्शक दीर्घा से 2 युवक सदन में कूद पड़े. इनमें से एक युवक ने सीटों पर कूदते हुए आगे की ओर बढ़ना शुरू कर दिया. उस वक्त सदन में उपस्थित सांसदों ने दोनों को पकड़ने का प्रयत्न किया तो उसने जूते से कुछ निकालने का प्रयत्न किया. सांसदों ने दोनों को पकड़कर सुरक्षाकर्मियों के हवाले किया. सदन में सांसदों के बीच पटाखों से धुआं कर दिया. इसे बड़ी चूक मानी जा रही है.