2022 में ही पंजाब की दो सीटों पर हार हुई.
यूपी में जेडीयू ने 2022 में 27 सीटों पर चुनाव तो लड़ा लेकिन सब पर हार गई. 2023 के कर्नाटक विधानसभा के चुनाव में जेडीयू ने सात सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन किसी पर जीत नहीं हुई. इसी वर्ष मेघालय में जेडीयू ने 3 उम्मीदवार उतारे, पार्टी तीनों हार गई. 2023 में ही मध्य प्रदेश में 10 सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ी लेकिन सब पर हार गई.वरिष्ठ पत्रकार संतोष यादव बोलते हैं कि राजनीति गलियारों में काफी दिनों से इसकी जिक्र हो रही है कि ललन सिंह और नीतीश कुमार में अब नहीं बन रही है. वैसे ललन सिंह के दो वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है. 29 दिसंबर को जेडीयू की होने वाली बैठक को लेकर बोला कि इस तरह की बैठक हर वर्ष होती है. इसमें अब बात ललन सिंह को हटाने की भी चल रही है. ललन सिंह की जगह पर ऐसी चर्चाएं हैं कि अतिपिछड़ा जाति से रामनाथ ठाकुर या दलित समाज से अशोक चौधरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है.हालांकि चुनावी समर में ललन सिंह ने मणिपुर में लाज रखी, जहां 2022 में हुए विधानसभा के चुनाव में नीतीश की पार्टी ने 38 में 6 सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन यह बड़ी बात नहीं है. ललन सिंह को लेकर जेडीयू के विधायक संजीव सिंह का बोलना है कि अध्यक्ष का हटना लगा रहता है. ये कोई मुद्दा नहीं है.