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मोहन यादव को CM बनाने से UP-बिहार में BJP को होगा लाभ? सर्वे ने चौंका डाला


संवाद 


मध्य प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सत्ता विरोधी लहर के बावजूद जबरदस्त जीत प्राप्त की. बीजेपी ने राज्य की 230 सीटों में से 163 पर जीत दर्ज की. वहीं कांग्रेस को सिर्फ 66 सीटों पर जीत मिली. इस तरह बीजेपी बहुमत के साथ एक बार फिर से सत्ता पर काबिज हो गई. पहले चुनाव में बहुमत से जीत हासिल कर राजनीतिक पंडितों को चौंकाने वाली बीजेपी ने बाद में शिवराज सिंह चौहान की जगह मुख्यमंत्री पद के लिए मोहन यादव के नाम का एलान कर हैरानी में डाल दिया.बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कहीं-न-कहीं सोशल इंजीनियरिंग की अपनी योजना को क्रियान्वित किया. इसी के तहत ओबीसी समाज से आने वाले मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर और दलित जगदीश देवड़ा के साथ ब्राह्मण राजेंद्र शुक्ला को उपमुख्‍यमंत्री बनाकर राज्य में प्रमुख जाति समूहों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया.इस बीच एबीपी न्यूज़ के लिए सी-वोटर ने एक ओपिनियन पोल किया है. इस ओपिनियन पोल में लोगों से प्रश्न किया गया कि 'एमपी में मोहन यादव को सीएम बनाने से लोकसभा चुनाव में यूपी और बिहार में बीजेपी को लाभ होगा?' इसके जवाब में 48 फीसदी लोगों ने 'हां' बोला है. वहीं 37 फीसदी लोगों ने 'नहीं' में जवाब दिया है. इसके अलावा 15 फीसदी लोगों ने 'पता नहीं' बोला है. इसके मतलब साफ है कि ज्यादातर लोगों ने इस बात को माना है कि एमपी में मोहन यादव को सीएम बनाने से बीजेपी को यूपी और बिहार में लाभ होगा. 


बता दें कि यूपी और बिहार में यादव समाज चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

मोहन यादव की सियासत की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुई थी और वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीबी है. मोहन यादव लंबे अरसे से राज्य की राजनीति में सक्रिय हैं. उनके राजनीतिक सफर पर गौर किया जाए तो वह 1982 में उज्जैन के माधव विज्ञान महाविद्यालय के सह सचिव चुने गए थे और 1984 में छात्रसंघ के अध्यक्ष बने थे. उसके बाद उन्होंने 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की उज्जैन के नगर मंत्री की कमान संभाली और 1986 में विभाग प्रमुख बने.
इतना ही नहीं 1988 में अभाविप के प्रदेश मंत्री बने और राष्ट्रीय प्रोग्राम समिति सदस्य भी बने. वह 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के मंत्री बनाए गए और 1991-92 राष्ट्रीय मंत्री चुने गए. यादव 1993 से 1995 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उज्जैन नगर के शहर खंड कार्यवाह रहे और 1996 में खंड कार्यवाह तथा नगर कार्यवाह की जिम्मेवारी का निर्वहन किया. वह 1997 में बीजेपी की प्रदेश समिति में सदस्य बने, 1998 में उन्हें पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति का सदस्य बनाया गया.मोहन यादव 2004 से 2010 तक उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे. इतना ही नहीं 2011 से 2013 तक मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रहे.यादव 2013 में पहली बार विधायक बने. पार्टी ने 2018 में फिर उन पर यकीन जताया और वह चुनाव जीते और 2023 में एक बार फिर निर्वाचित हुए और सीएम की कुर्सी तक आ गए.(राजनीतिक पार्टियां 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं. हर दल अपने अपने हिसाब से रणनीति बनाने में जुटा है. चुनाव की तारीखों के एलान में करीब ढाई महीने का समय बचा है . ऐसे में abp न्यूज़ के लिए सी वोटर ने किया है 2024 का पहला ओपिनियन पोल. सर्वे में सभी 543 लोकसभा सीटों पर 13 हजार 115 लोगों से बात की गई है. सर्वे 15 दिसंबर से 21 दिसंबर के बीच किया गया है. इसमें मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी है.)

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