अब वो सुधार नहीं दिख रहा है. बदहाली दिख रही है.
ऐसा इसलिए हो रहा है कि क्योंकि नीतीश कुमार की अपनी प्राथमिकता बदल गई है. पहले वो बिहार को सुधारने में लगे थे और अब वह कुर्सी बचाने में लगे हुए हैं, तो अफसर क्या करेंगे.
बता दें कि महागठबंधन की सरकार बनते ही नौकरी के मुद्दे सियासत शुरू हो गई थी. चुनाव से पहले ही तेजस्वी यादव ने 10 लाख रोजगार देने की बात बोली थी. इस बात को लेकर महागठबंधन सरकार को विपक्ष को घेरने लगा. इस बीच सीएम नीतीश कुमार ने 20 लाख नौकरी देने की घोषणा कर दी. वहीं, इस वर्ष बीपीएससी द्वारा लाखों की संख्या में शिक्षकों की बहाली की जा रही है. इस बहाली को लेकर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है. इसको लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है. सरकार और विपक्ष के बीच खूब जमकर आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं.