यह शिष्टाचार मुलाकात थी.
इसका कोई मायने मतलब नहीं है. हमलोग बराबर मिलते रहे हैं. इस प्रश्न पर कि ऐसी जिक्र है कि आप जेडीयू के साथ आ सकते हैं इस पर आनंद मोहन ने बोला कि इन सब पर आज कोई बात नहीं हुई है.
आनंद मोहन ने बोला कि हमलोग पुराने दोस्त हैं. 1974 के आंदोलन से हमलोगों का संबंध रहा है. जेपी आंदोलन से संबंध रहा है. आने वाले वक्त में क्या आप नीतीश कुमार के साथ दिख सकते हैं? इस पर पूर्व सांसद ने बोला कि जो भी होगा इस पर हमलोग आगे बात करेंगे.आनंद मोहन के चुनाव लड़ने वाले बयान के बाद सियासी गलियारे में हंगामा मचना तय है. वो जेडीयू में सम्मिलित होकर लड़ते हैं या निर्दलीय लड़ेंगे यह देखने वाली बात होगी. हालांकि वह किस सीट से लड़ेंगे इस पर उन्होंने कुछ नहीं बोला लेकिन उनकी सियासत में एंट्री की बात करें तो 1990 में जनता दल ने उन्हें महिषी विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था. वे विजयी रहे थे. पूर्व सांसद रह चुके हैं. एक बार फिर इशारों-इशारों में बोल दिया है कि राजनीति में हैं तो चुनाव नहीं लड़ने का प्रश्न ही नहीं उठता है.