उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में बोला, ''अभी तक नीतिश कुमार महागठबंधन के हिस्सा हैं. ललन सिंह का रिश्ता आरजेडी से ज्यादा हो गया था और ललन सिंह को जेडीयू से खतरा हो गया था इसलिए इनका त्यागपत्र लिया गया. मेरे बारे में अफवाह उड़ाया जा रहा है.'' बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा के पैरवी वाले बयान से कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश कुमार एनडीए में सम्मिलित हो सकते हैं.
हालांकि शुक्रवार को उसपर विराम लग गया है.
उधर, दिल्ली में जेडीयू के दफ्तर के बाहर कार्यकर्ताओं ने नीतीश कुमार के समर्थन में नारेबाजी की तो कोई बांसुरी बजाता हुआ नजर आया. कार्य़कर्ता नारेबाजी कर रहे थे, ''देश का प्रधानमंत्री कैसा हो? नीतीश कुमार जैसा हो.'' ललन सिंह के त्यागपत्र देने के बाद बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने बोला, ''एक स्वाभिमानी नेता इस तरह की विदाई स्वीकार नहीं करता है. अगर पार्टी और नेतृत्व को उनमें भरोसा नहीं है, तो ऐसे में पद पर बने रहने का कोई मतलब ही नहीं है. ललन सिंह को पहले ही त्यागपत्र दे देना चाहिए था.'' उधर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बोला, ''नीतीश कुमार की पार्टी प्राइवेट लिमिटेड पार्टी है. क्या फर्क पड़ता है. पहले आसीपी सिंह थे, पहले जॉर्ज साहब थे. या नीतीश जी अध्यक्ष बनें. हमारी पार्टी में इसको लेकर कोई जिक्र नहीं होती है. हमलोग उनसे लड़ने के लिए तैयार हैं.